आरती - जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा…
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..
एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी .
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..
अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया .
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..!
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..
एकदन्त, दयावन्त, चारभुजाधारी,
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी .
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा .
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..
अंधे को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया .
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पारवती, पिता महादेवा ..!
गणेश जी का रूप निराला है,
चेहरा भी कितना भोला भाला है,
जिसे भी आती है कोई मुसीबत,
उसे इन्ही ने तो संभाला है,
जय श्री गणेशा !
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाये!
चेहरा भी कितना भोला भाला है,
जिसे भी आती है कोई मुसीबत,
उसे इन्ही ने तो संभाला है,
जय श्री गणेशा !
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाये!
आप कि ख़ुशियाँ गणेश कि सूंढ़ कि तरह लंबी हो,
आपकी ज़िंदगी उनके पेट कि तरत मोटी हो,
और जीवन का हर पल लॅडू कि तरह मीठा हो.
हैपी गणेश चतुर्थी ।
आपकी ज़िंदगी उनके पेट कि तरत मोटी हो,
और जीवन का हर पल लॅडू कि तरह मीठा हो.
हैपी गणेश चतुर्थी ।
धरती पर बारिश की बूंदे बरसे,
आप के ऊपर अपनों का प्यार बरसे,
गणेश जी से बस यही दुआ है,
आप ख़ुशी के लिए नहीं,
ख़ुशी आप के लिए तरसे। जय श्री गणेश !
आप के ऊपर अपनों का प्यार बरसे,
गणेश जी से बस यही दुआ है,
आप ख़ुशी के लिए नहीं,
ख़ुशी आप के लिए तरसे। जय श्री गणेश !
बक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ,
निविघ्नं कुरूमेव देव सर्वकार्यषु सर्वदा।
हे! रिधी सिधी के दाता सब पर कृपा रखना ।
निविघ्नं कुरूमेव देव सर्वकार्यषु सर्वदा।
हे! रिधी सिधी के दाता सब पर कृपा रखना ।
सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,
तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी,
रिधी सिधी को लेकर करो भवन में फेरी,
करो ऐसी कृपा नित करूँ मैं पूजा तेरी।
हॅपी गणेश चतुर्थी!
तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी,
रिधी सिधी को लेकर करो भवन में फेरी,
करो ऐसी कृपा नित करूँ मैं पूजा तेरी।
हॅपी गणेश चतुर्थी!
गणेश कि ज्योति से नूर मिलता हे,
सबके दिलो को सुकून मिलता हे,
जो भी आता हे गणेश के द्वार,
उसे कुछ ना कुछ जरूर मिलता हे. ..!
हॅपी गणेश चतुर्थी ।
सबके दिलो को सुकून मिलता हे,
जो भी आता हे गणेश के द्वार,
उसे कुछ ना कुछ जरूर मिलता हे. ..!
हॅपी गणेश चतुर्थी ।
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